Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english
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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
लिङ्गाष्टकम्
गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।
कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥